देहरादून: लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, ऐसे देते थे घटना को अंजाम
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सस्ती दरों पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने गिरोह के एक सदस्य को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है। शातिर ने एक महिला के साथ ठगी की थी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सस्ती दरों पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने गिरोह के एक सदस्य को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है। शातिर ने एक महिला के साथ ठगी की थी।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि देहरादून निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके खुद को रिलायंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए तीन प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन दिलाने की बात कही। महिला ने व्यक्ति की बातों पर विश्वास करते हुए 15 लाख का लोन लेने की बात कही। व्यक्ति ने महिला से पहचान संबंधी दस्तावेज मांगे और लोन स्वीकृत होने का पत्र भेजकर फाइल चार्ज, इंश्योरेंस चार्ज और अन्य शुल्क के नाम पर विभिन्न तिथियों में अलग-अलग खातों में सात लाख रुपये जमा करवा लिए। इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में जनवरी 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपित की ओर से इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों, बैंक खातों की जानकारी हासिल की गई तो पता लगा कि महिला को जिन नंबरों से संपर्क किया गया वह नंबर हरियाणा व दिल्ली के थे। ठगों ने दिल्ली, हरियाणा, बिहार, जम्मू-कश्मीर आदि के बैंक खातों में सात लाख रुपये ट्रांसफर करवाए। जांच के दौरान सूचना मिली कि धोखाधड़ी करने वालों का एक सदस्य ऋषिकेश आने वाला है। इंस्पेक्टर देवेंद्र नबियाल ने पुलिस टीम के साथ घेराबंदी करते हुए आरोपित को शनिवार को नटराज चौक ऋषिकेश से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित की पहचान मयंक कपूर निवासी जगदीश कॉलोनी, जिला रोहतक हरियाणा के रूप में हुई है। उसके पास से धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए तीन मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, पहचान पत्र, कुछ सिम कार्ड व 11 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
ऐसे देता था ठगी की घटना को अंजाम
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ करने पर मयंक ने बताया कि वह और उसके साथी दैनिक समाचार पत्रों, इंटरनेट मीडिया पर सस्ती दरों पर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन, रिलायंस लोन का विज्ञापन देते थे। आम जनता से फाइल चार्ज, इंश्योरेंस चार्ज व अन्य शुल्क के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में धनराशि डलवाकर ठगी करते थे। उसके साथी दिल्ली, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर के हैं, जोकि फर्जी नाम पतों पर मोबाइल सिम लेते हैं। आरोपित ने बताया कि वह धोखाधड़ी के एक प्रकरण में 2014 में हिसार हरियाणा के एक मुकदमे में जेल जा चुका है।
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